शस्त्र निकाले शास्त्र निकाले
लिखने को कागज़ और कलम निकाले
हर बार शस्त्रों को शास्त्रों से लड़ाया
दिमाग के घोड़ों को चहुँ और दौड़ाया
साक्षी है उन उलझनों में उलझते हुए
मानस पटल पे उठते हुए तूफानों की
पर न शस्त्र हारे न शास्त्र समझ आया। … निवेदिता

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