
ताल, तलैय्या, पौखर, नदिया,
मोर, पपीहा, हिरणी, गैय्या,
गुलमोहर, नीम, आम्र की छैयां।
खुले आंगन, तंग गलियां,
चहकता चौपाल, बीच बजरिया
खनक रही घुंघरू पैंजनिया।
बेला, चमेली, चम्पा, डलिया
नन्हीं कोम्पल, मोहक कलियां,
फूल, पत्ति, मनोरम बगिया।
©ज्योत्स्ना “निवेदिता”
Leave a Reply