ये यादें भी न बहुत अजीब होती हैं
तस्वीरें खुशियों की रसीद होती हैं
पलटते हुए कभी लगता ही नहीं
तस्वीरों को भी तकलीफ होती हैं
वो खिलखिलाती मुस्कुराती मैं
मानो वो आंखे कभी रोई ही नहीं हैं।। #निवेदिता
©ज्योत्स्ना
यादें
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One response to “यादें”
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It’s deep one!
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