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शून्य
न छंद है न अलंकार है न खनक है न झंकार है बस भावों की परिकल्पना लेखनी में किया साकार है बिना रंगों के चित्रकार हूँ, न कवि हूँ न कलाकार हूँ मात्र अहंकार का सूत्रकार हूँ काम क्रोध मोह का विकार हूँ अज्ञान के पसार में शून्य पे सवार हूँ गान शून्य का, शून्य…