Tag: Social
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जीयो और जीने दो
नन्ही मुस्कान को ज़रा पलने दो , मत तोड़ो उसे ,अभी खिलने दो , नयी कलियों को प्रस्फुटित होने दो , जो है सो है जैसा है उसे रहने दो , रज़ा उसकी मर्ज़ी में होने दो, सुख दुःख के फेर शाश्वत है ,चलने दो , जो कहते हैं उन्हें कहने दो , सुनो सबकी, अपने…
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हे राम!नहीं श्री राम कहो
राम लला को हम हरदम याद करते हैं या कहे प्रभू को पर दुखी स्वर में क्यों। गर हरदम करें तो शायद दू:ख हो ही न । बस इतना सा प्रयास और निवेदन .