हे राम ! आपकी जय होवे ..
है ,इतनी कहाँ बिसात मेरी ,
की हम आपको जय करें ?
बस राम हमारा निकले नहीं ,
है निवेदन, ” निवेदिता “का
बारम्बार स्वीकार करें,
दें हिम्मत हमको कहने की ,
हम 🙏हे राम! नहीं .. श्री राम !कहें ..

प्रभु के प्राकट्य के उत्सव पर ,
सब मिलकर जय घोष करें,
कर बद्ध विनती है ,उद्धार करें,
सदबुद्धि- विश्वास का संचार करें,
लक्ष्य की खोज में निकल सकें ,
बढते जाएँ कहीं रुकें नहीं ,
बस इतनी सी विनय सुने मेरी दें शक्ति हमें,
हम संतुष्ट रहें और ,
श्री !राम !! कहें , हे ! राम !! नहीं ..
यश शक्ति मेरी अक्षय करें,
चाहना आपकी हो मुझे ,
चाहना चाहतों की आपसे हो नहीं ,
मिलकर सब जयघोष करें,
और इतना सा सब याद रखें,
दुख हो या तनाव कोई, हम ,
श्री !राम कहें , .. हे !! राम नहीं … ” nivedita “

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