Beauty of my moon is the same what i felt almost three years ago, when I see my moon I feel the same even today. The sacred beauty in him with no scars ,even the real moon can’t beat my virtual one. The moon of my dreams shine brighter, day by day year by year… Forever
ऐ चाँद ! तेरी चाँदनी को देखा,
पर ख़ैर मना चकोर ने,
मेरे चाँद को न देखा ..
उसकी आँखों की पुतलियाँ ,
तेरी गोलाई से ज़्यादा गोल है ,
करतब इतनी उन पुतलियों में इतनी,
की तेरी कलाओं में नहीं देखा …
कहानियाँ तेरे दाग़ की सुनी
पर चेहरा क्या देखना ,
मेरे चाँद के चरणों में भी किसिने ,
दाग़ नहीं देखा …
रूप इतना की तेरी ज्योत्सना का,
रंग भी फीका लगने लगे ,
पर घमंड और ग़ुरूर जो तुझमें है,
मेरे चाँद में किसी ने ना देखा ….
है निवेदन ! “निवेदिता ” का
आ देख ! और जान जो नूर मेरे चाँद में है,
वो तूने भी कभी ना देखा … “निवेदिता”



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