मुझे तुम्हारी सोच से एक दूरी चाहिए
उन आंखों के पाश से मुक्ति चाहिए
सोचती हूँ.. भाग जाऊं कहीं बहुत दूर
क्योंकि मुझे उन बाहों की गर्मी चाहिए। ज्योत्स्ना “निवेदिता”
मुझे तुम्हारी सोच से एक दूरी चाहिए
उन आंखों के पाश से मुक्ति चाहिए
सोचती हूँ.. भाग जाऊं कहीं बहुत दूर
क्योंकि मुझे उन बाहों की गर्मी चाहिए। ज्योत्स्ना “निवेदिता”
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You give voice to so many who cannot find words to explain their heart. It is a gift.
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