• मुस्कुराहट

    मुस्कुराहट वो धन है जो बाँटने से बढ़े और पहनने वाले को अमीर और मिलने वाले को मालामाल कर दे .. उदासी को दूर करे चहरे को रोशन और ग़मों को मिटाकर जो बूढ़ी हसरतें जवान कर दे.. #निवेदिता

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  • कलम

    कीलक से कलम बनी, कलम ही स्त्रोत ज्ञान भंडार, ढाल बने कभी, कभी बने तलवार, शब्दबाणों के कटु तीरों से, करती अराजकता पर वार। शूरवीर हों या धनवान, क़लम से कोई नहीं बलवान, शत्रु-समूह में त्राहि मचाती, अस्त्र-शस्त्र करती नाकाम| कोर्ट कचहरी हो या दफ़्तर, पत्रकार या सरकारी अफ़सर, सभी चलाते क़लम निरंतर,| क़लम बिना…

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  • #Quotes

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  • सवाल जवाब

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  • झरोखा

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  • Brown Eyes

    Whose eyes are those? I think I know… she is quiet and calm though. Full of joy like a vivid rainbow, I watch her laugh. I cry hello. She gives her eyes a shake, and laughs, deep inside heart ache The only other sound that break, Of distant waves and birds awake. The eyes are…

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  • अहसासों का सफ़र..

    अहसासों का सफ़र : विवेचना एक ऐसे सफ़र कि जिसे सिर्फ़ एक कवि ही तय कर सकते हैं। जिंदगी सतरंगी है बहुत से पहलुओं में, जब बात कविताओं कि हो तो भावनाएँ मानो सतरंगी मेघ धनुष समान सभी वर्ग के पाठक वृंद के हृदय को अखण्डित करती हैं। पुस्तक “अहसासों का सफ़र” कवि श्री साँवर…

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  • प्रश्न?१

    अंतर्मन के और बाह्य शरीर के कितने रूप होते हैं ? एक मनुष्य और गिरगिट में क्या फ़र्क़ होता है ? प्रतीक्षारत: #निवेदिता

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  • बदलाव

    कितना कुछ बदल गया? आस पास देखा तो इतना कुछ तो ना बदला, वही ज़मीन वही आसमान जो बदला वो पड़ोस है। बच्चे बड़े हो गए ,बूढ़े कुछ बचे कुछ और प्रौढ़ हो गए, हम वही और वहीं के वही हैं, बस बच्चे बड़े और आगे निकल गये। सोच अपनी वही बस उनकी बदल गयी…

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  • चाय

    नाजुक पत्तियों की, मधुर संस्कृती की, निवेदन मान मनुहार की झलक भारतीय सत्कार की । महक माटी की, छुअन होठों की, गर्म स्पर्श उंगलियों को, एक प्याली “कुल्हड़ वाली चाय” की । #निवेदिता

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